शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

कैसा भारत महान-- इण्टरनेशनल फकीर

लोगों से उदारतापूर्वक दान देने की अपील करता संयुक्त राष्ट्र संघ अन्तरराष्ट्रीय बाल शिक्षा फण्ड (यूनिसेफ) का एक विज्ञापन कहता है कि भारत का हर दसवाँ बच्चा 5 साल की उम्र से पहले ही मर जाता है। 1,000 रुपये का चन्दा देकर एक बच्चे का पूरी तरह टीकाकरण और 5,000 रुपये के चन्दे से 100 बच्चों को जानलेवा कुपोषण से बचाया जा सकता है। क्या देश इतना कंगाल हो गया कि इन 25 लाख मासूमों की जान बचाने के लिए हमें विदेशी संस्थाओं की दान-दया पर निर्भर होना पड़े?

मात्र 37.5 करोड़ रुपये के लिए इण्टरनेशनल फकीरअपनी झोली फैलाये घूम रहे हैं जबकि सरकारी बैंकों ने पिछले 3 वर्षों के दौरान पूँजीपतियों पर बकाया 77 हजार करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाल दिये। क्या सरकार के पास भीख माँगने से बेहतर कोई उपाय नहीं?

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